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हादसा: झारखंड के कोल नगरी धनबाद में धंसी जमीन, ट्रेनें बंद रहने से टला बड़ा हादसा

निर्माणाधीन रेललाइन से सटे करीब पचास फीट लंबा, तीस फीट चौड़ा व चार फीट गड्ढा जमीन धंस गई। वहां कई जगहों पर जमीन फट गई है।

झारखण्ड ब्यूरो
  • Jun 10 2020 5:31PM

रांची: कोल के कारण अभिशप्त कोयलांचल के झारखंड के निरसा के श्यामपुर (थापरनगर) में अहले सुबह जोरदार आवाज के साथ अचानक जमीन धंस (फट) गई। इससे मैथन पावर लिमिटेड की रेललाइन का निर्माण प्रभावित हो गया। साथ ही निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। निर्माणाधीन रेललाइन से सटे करीब पचास फीट लंबा, तीस फीट चौड़ा व चार फीट गड्ढा जमीन धंस गई। वहां कई जगहों पर जमीन फट गई है। साथ ही ट्रैक से सटी जमीन फट गई। घटनास्थल से थापरनगर स्टेशन की दूरी चार सौ मीटर है।

 वहीं पचास मीटर की दूरी पर हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कोड लाइन (ट्रैक) है। रेलवे के परिचालन पर भी असर पड़ने की संभावना है। अगर प्रभावित स्थल की ठीक से भराई नहीं करायी गई, तो ग्रैंड रोड रेलवे लाइन धंस सकती है। घटना की सूचना मिलते ही एमपीएल के सीईओ रमेश झा, अधिकारी सुरेश खेतवानी, निलेश अंबर, अंचलाधिकारी एमएन मंसूरी, रेलवे के इंजीनियर विनोद कुमार, कनीय अभियंता अरुण कुमार व रेलवे ट्रैक का निर्माण कर रही एलएनटी कंपनी के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटना के बाद ट्रेनों की गति काफी धीमी कर दी गई है। ईसीएल प्रबंधन ने भराई शुरू करा दी है। घटना की सूचना पर सबसे पहले कालूबथान स्टेशन के पीडब्ल्यूआई के कनीय अभियंता अरुण कुमार पहुंचे। इसके बाद आसनसोल रेल मंडल से सहायक अभियंता विनोद कुमार पहुंचे। रेलवे सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की गति तीस किलोमीटर प्रतिघंटे कर दी गई। जबकि पहले राजधानी की गति 130 व सामान्य ट्रेनों की गति 110 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। रेलवे सूत्रों ने बताया कि घटना से रेलवे को कोई नुकसान नहीं हुआ है, मगर सिंफर कंपनी से दिखा कर अच्छी तरह से भराई कराने की बात कही जा रही है। 

एमपीएल प्रबंधन ने किया निरीक्षण: सूचना मिलते ही एमपीएल के सीईओ रमेश झा, एमपीएल अधिकारी सुरेश खेतवानी, निलेश अंबर मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे घटनास्थल पहुंचे। धंसी जमीन, निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक का डेढ़ घंटे तक निरीक्षण किया। रेलवे ट्रैक का निर्माण कर रही एलएनटी कंपनियों के अधिकारियों से भी बात की। बताया जाता है कि एमपीएल के सीईओ ने कंपनी को कहा कि प्रभावित स्थल पर ट्रैक पर निर्माण बंद कर दें। शेष जगहों पर निर्माण चालू रखें। 

कैसे धंसी जमीन: ईसीएल की बंद श्यामपुर खदान में कोयला चोरों ने अवैध उत्खनन कर जमीन खोखली कर दी है। साथ ही खदान के अंदर छोड़े गए सेफ्टी वॉल को चोरों ने अधिक कोयला निकालने के चक्कर में काट दिया। इस कारण जमीन पूर्णरूप से खोखली हो गई है। बारिश के बाद जमीन धंसनी शुरू हो जाती है। घटनास्थल से कुछ दूरी पर ग्रामीण मार्ग है, जहां एक वर्ष पहले जमीन धंस गई थी। ईसीएल प्रबंधन ने भराई कर ग्रामीण मार्ग चालू कराया था। सूत्रों ने बताया कि प्राइवेट कंपनी ने उक्त खदान चलायी थी। इसके बाद 1972-73 में कोल इंडिया के राष्ट्रीयकृत होने के बाद ईसीएल ने 1980 तक खदान चलायी थी। इसके बाद खदान बंद कर दी गई थी। यह भूमिगत खदान थी। सही ढंग से बालू भराई नहीं करने के कारण चोरों को कोयला चोरी करने में आसानी हुई। ईसीएल मुगमा क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा बंद खदान की ठीक ढंग से भराई नहीं कराने के कारण कोयला चोर अवैध उत्खनन करते हैं। इस कारण जमीन खोखली हो रही है। भू-धंसान के बाद ईसीएल प्रबंधन द्वारा पास की मिट्टी जेसीबी मशीन से काटकर भर दिया जाता है, जबकि बालू भराई कराया जाए, तो भू-धंसान की घटना दोबारा नहीं घटेगी। मिट्टी से भराई कराने के कारण वह धंस जाती है।  


एमपीएल के सीईओ रमेश झा ने कहा कि जमीन धंसने की खबर पर अधिकारियों के साथ घटनास्थल पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। रेललाइन का निर्माण रेलवे की जमीन पर हो रहा है। प्रथम दृष्टया अनाधिकृत माइनिंग की आशंका लग रही है। इसको लेकर रेलवे व ईसीएल के अधिकारियों से वार्ता हो रही है। जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। 
 

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