अक्सर बड़ी बड़ी महफिलों में देश बड़ा है जैसी बयानबाजी मीडिया के आगे कैमरे पर कुछ विशेष लोगों की आप ने देखी होगी. ये बयानबाजी कैमरा बंद होती ही किस रूप में बदलने लगती है इसको बताने की शायद जरूरत न हो.. उदहारण के लयी म्यन्मार से आये अजीजुल के लिए भारत के अब्दुल का प्रेम अब देश के लिए मंथन का विषय बन गया है.
मिली जानकारी के अनुसार ATS की ताबड़तोड़ छापेमारी में अब वो नाम सामने आने लगे हैं जो भारत में म्यन्मार से घुसे दुर्दांत रोहिंग्या आतंकियों के शरणदाता के साथ पैरवीकर्ता बने हुए हैं. ये वो जड़ें है जो कभी रोहिंग्या तो कभी बंगलादेशियो को खाद - पानी मात्र मजहब के नाम पर दे रही थीं.
8 साल से यूपी में पहचान छिपाकर रहे रोहिंग्या अजीजुल हक के मददगारों पर यूपी एटीएस का शिकंजा कसता जा रहा है. रिमांड पर पूछताछ के दौरान एटीएस अजीजुल हक को लेकर खलीलाबाद गई हुई थी. उसी ने अब्दुल मन्नान की पहचान की थी और बताया था कि मन्नान की मदद से ही उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट बनी थी.
न्यायालय ने अब्दुल मन्नान की 7 दिनों की कस्टडी रिमांड भी मंजूर कर दी है. एटीएस इस समय उससे पूछताछ कर रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, एटीएस की जांच के दौरान पता चला था कि संतकबीर नगर के रहने वाले नरेश ने ही अजीजुल हक का पासपोर्ट बनवाया था.
इससे पहले पिछले शनिवार को एटीएस ने अजीजुल हक की फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले अब्दुल मन्नान को संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद कस्बे से गिरफ्तार किया था. शनिवार को एटीएस की टीम ने एक साथ मुरादाबाद, अमरोहा व संभल में कुछ ठिकानों पर छापे मारे. इन छापों का टेरर फंडिंग नेटवर्क से भी कनेक्शन हो सकता है.