उत्तर प्रदेश चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनावी तारीखों के एलान के साथ ही आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी का सिलसिला भी चरम पर है। आपको बता दें कांग्रेस ने 125 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान किया है। प्रत्याशियों के एलान के साथ ही अब प्रत्याशी भी अपने काम में जुट गए हैं। प्रत्याशी भी अपनी वोट बैंक साधने में लग गए हैं। आपको बता दें कांग्रेस ने मुरादाबाद से रिजवान को टिकट दिया है। रिजवान भी अपने आप को बेहतर प्रत्याशी साबित करने के लिए बयानों देने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
कांग्रेस जो लम्बे समय से उत्तर प्रदेश में सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही है या यूँ कहें की अपने अस्तित्व की बचाव की लड़ाई लड़ रही है और केंद्र में 10 सालों से सत्ता से बाहर है। इस बार का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम है क्योंकि इस बार प्रियंका गाँधी ने मानो कांग्रेस के वजूद को बचने के लिए संग्राम छेड़ रखा है। अगर इसमें थोड़ी बहुत सफलता नहीं मिलेगी तो यह मनोबल को तोड़ने का काम कर सकता है।
मुस्लिम वोटर को साधने के लिए कांग्रेस दम भरती नजर आ रही है यह हम नहीं कांग्रेस के नेताओं के सुर बोल रहे हैं। रिजवान कुरैशी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बंद पड़े स्लाटर हाउस को खुलवाने की होगी। मतलब जो बूचड़खाने योगी सरकार ने सत्ता में आते ही बंद करवाया था रिजवान उसे खोलने की बात कर रहे हैं वो आगे बोले- स्लाटर हाउस बंद होने की वजह से पुलिस उनकी बिरादरी के लोगों का उत्पीड़न करती है। इसलिए यदि वह जीतते हैं तो शहर में मॉडर्न स्लाटर हाउस बनावाएंगे।
आपको बता दें कांग्रेस की ओर शहर सीट पर प्रत्याशी घोषित किए गए रिजवान कुरैशी सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी के भतीजे हैं। इकराम कुरैशी देहात सीट से सपा के विधायक हैं। रिजवान ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ा था। तब उन्हें करीब 74 हजार वोट मिले थे। उस समय वह दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा के विनोद अग्रवाल ने रिजवान कुरैशी को हराया था। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ने 74 हजार वोट पाकर सभी को चौंका दिया था। उन्होंने सपा उम्मीदवार को तो पीछे छोड़ा ही साथ ही जीत के भी करीब पहुंच गए थे।