बागपत जनपद है जहां गुजरात सूरत के एक व्यापारी से 25 लाख की ठगी का आरोपी कांस्टेबल संजीव तेवतिया न जाने किस अदृश्य जॉच से गुजर रहा है.. किसी पुलिसकर्मी विशेषकर कांस्टेबल स्तर पर 24 लाख की ठगी का सँभवतः यह सबसे बड़ा उदाहरण है और उसकी बैंक पर्चियां , वायस रिकार्डिंग, स्क्रीन शॉट आदि ले कर व्यापारी दर दर भटक रहा हो और सिपाही आराम से पोस्टिंग से दूर नोएडा में मज़े कर रहा हो..
ऐसी जगहों पर अपराधी पुलिस के स्तर को भांप लेते हैं....
बागपत में सुबह गौवंश ले जा रही एक गाड़ी को ग्रामीणों ने रोक लिया और जब गाड़ी के अंदर देखा तो उसमें गौवंश का मीट था। तब ग्रामीणों का गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुंच गया और नाराज ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए गाड़ी में तोड़फोड़ कर डाली और गाड़ी में आग लगाने का भी प्रयास किया।
यही नही ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए नेशनल हाइवे 709बी (दिल्ली सहारनपुर हाइवे ) को जाम कर दिया गया। फिर आसपास के इलाकों से भी ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और गौवंश कटान करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और हंगामा बढ़ता चला गया और दिल्ली-सहारनपुर हाइवे जाम होने से वाहनों की लंबीं-लंबीं कतारें लग गई। उसके बाद जब पुलिस ने देखा तब पुलिस वालो ने मीट को गडढ़े में दफना दिया।
उसके बाद स्थिति को देखते हुए बागपत, खेकड़ा, चांदीनगर, अमीनगर सराय सहित कई थानों से फोर्स बुलाई गई और वही ग्रामीण सुनने को तैयार नही थे कि जब तक गौ तस्करों पर कार्रवाई नहीं होगी वह सब नहीं हटेंगे। लेकिन पुलिस के काफी आश्वासन देने के बाद ग्रामीण मान गए और जाम खोल दिया गया।
वही यह भी बताया जा रहा है कि खेकड़ा के मसूरी गांव के पास ग्रामीणों ने ये मीट ले जा रही गाड़ी पकड़ी थी। जिसके बाद हंगामा बढ़ता चला गया।और इस घटना के बाद बागपत में फिर ये सवाल उठ रहें हैं कि आखिर कब तक गौवंश कटान पर अंकुश लगेगा और आखिरकार पुलिस की लापरवाही कब तक इस तरीके से भारी पड़ती रहेगी लेकिन ये बात सभी जानते हैं कि गोकटान को लेकर धीरे-धीरे सुलग रही गुस्से की चिंगारी, कभी भी बड़े बवाल की वजह बन सकती है।