इनपुट-श्वेता सिंह,लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सियासी रण के घमासान का शंखनाद हो चुका है। 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर पहले चरण का मतदान होना है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन हो चुके हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में योगी सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है। यह सभी अलग- अलग क्षेत्रों से चुनाव मैदान में हैं।
रालोद से कड़ी टक्कर थी सुरेश राणा की-
योगी के 9 मंत्रियों में से एक शामली जिले के थाना भवन सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेश राणा यूपी सरकार में गन्ना मंत्री हैं। सुरेश राणा ने शामली में 2012 में पहली बार जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में उन्होंने रालोद के अशरफ अली खान को मात्र 265 वोटों से शिकस्त दी थी। इसके बाद हुए मुजफ्फरनगर दंगें में विधायक सुरेश राणा का नाम भी आया था। जिन्हें आरोपी भी बनाया गया था, लेकिन 2017 में हुए चुनाव में उन्हें जनता का समर्थन मिला और वह बसपा के अब्दुल वारिश खान से 16 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीतने में सफल रहे।
कल्याण सिंह के परिवार का दबदबा क्या संदीप सिंह के काम आएगा-
पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे उनके पौत्र संदीप सिंह ने अतरौली विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है। अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट पर कल्याण सिंह और उनके परिवार का दबदबा माना जाता है। अब तक इस सीट पर कुल 11 बार कल्याण सिंह और उनके परिवार के सदस्य जीत दर्ज करके विधानसभा पहुंचे हैं।2017 के चुनाव में संदीप सिंह ने 50,000 से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।
15 साल बाद कांग्रेस को गद्दी से उतारकर सत्तासीन हुए थे श्रीकांत शर्मा-
उत्तर प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक हैं। इस बार फिर वह चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 2017 में कांग्रेस से लगातार तीन बार विधायक रहे प्रदीप माथुर को बड़े अंतर से हराया था। बता दें मथुरा विधानसभा सीट पर 2002 से 2017 तक 15 साल कांग्रेस का कब्जा रहा था, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस से यह सीट छीन कर भाजपा के खाते में डाल दी थी। श्रीकांत शर्मा को 1 लाख 43 हजार 361 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर इस सीट से तीन बार के विधायक रहे कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 42 हजार 200 वोट मिले थे।
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने पिया है घाट-घाट का पानी-
भाजपा सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2007 में चौधरी लक्ष्मीनारायण बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वह बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। अलग-अलग पार्टियों से वह चार बार विधायक रह चुके हैं।
भाजपा के गढ़ से अनिल शर्मा फिर मैदान में-
बुलंदशहर की शिकारपुर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट पर भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है। इस सीट से वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में अनिल शर्मा वधिायक निर्वाचित हुए थे और उन्होंने बसपा के मुकुल उपाध्याय को 50 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी।
कपिलदेव अग्रवाल और दिनेश खटीक जमा सकते हैं रंग-
योगी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने सपा के गौरव स्वरूप बंसल को 10704 वोटों से हराया था। योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा से मैदान में है। 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की।
आगरा के छावनी से धर्मेश -
भाजपा सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में आगरा से छावनी सुरक्षित सीट से मंत्री बने थे। डॉ. 2017 के चुनाव में उन्होंने छावनी विधानसभा सीट से 45,000 वोटों से जीत दर्ज की थी।इसी सीट पर वह 2012 में करीब पांच हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए थे।