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अब्बू व अम्मी के साथ जहां बसे थे उत्तीम मियां, वहां कुछ ही दशकों में बन गया 800 लोगों का परिवार ... इसीलिए जरूरी है जनसंख्या मियंत्रण कानून

बड़ी बात ये है कि इस खानदान में 400 एकड़ से अधिक जमीन लेकिन परिजनों का कहना है कि ये जमीन अब कम पड़ रही है. नादकरी में हकीम मियां के नाम से एक खतियान में 273 एकड़ जमीन है. वहीं हरलाडीह में करीब 100 एकड़ जमीन है. लेकिन इस परिवार का कहना है कि उनके पास जमीन कम पड़ रही है.

Abhay Pratap
  • Jul 23 2021 3:43PM

देश में पिछले कुछ सालों से कठोर जनसँख्या नियंत्रण क़ानून की मांग तेज होती जा रही है. बढ़ती आबादी तथा कम होते संसाधनों के बीच, देश की विभिन्न जगहों पर बनते जा रहे मिनी पाकिस्तानों के कारण चिंतित लोग सभी धर्म व समुदाय के लोगों के लिए 2 बच्चों के क़ानून की मांग कर रहे हैं. सुदर्शन टीवी के चेयरमैंन तथा सुदर्शन राष्ट्र निर्माण संस्था के प्रमुख सुरेश चव्हाणके जी भी लंबे समय से दो बच्चों के कानून की मांग करते रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 2018 में कश्मीर से कन्याकुमारी से दिल्ली के बीच 20 हजार किलोमीटर की 70 दिवसीय भारत बचाओ यात्रा निकाली थी तथा लोगों को जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की मांग के लिए जागरूक किया था.

जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का आना कितना ज्यादा जरूरी हो गया है, इस पर ये खबर मुहर लगाती है. हम बात कर रहे हैं झारखंड के कोडरमा जिले में नादकरी ऊपर टोला नाम के इस गांव की, जिसमें 800 लोग रहते हैं. बड़ी बात ये है कि ये सभी लोग मुस्लिम हैं तथा एक ही परिवार के हैं. जंगलों के बीच बसा यह गांव कभी निर्जन हुआ करता था. जिसमें उत्तम मियां नामक एक व्यक्ति अपने अब्बू व अम्मी के साथ आकर बसे. आज इस गांव में उसी व्यक्ति के 800 परिवारीजन बसे हुए हैं.

मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, उत्तम मियां के 82 वर्षीय पोते हकीम अंसारी का कहना है कि झारखंड के ही गिरिडीह जिला अंतर्गत धनवार प्रखंड के रेंबा बसकुपाय गांव से उनके दादा उत्तीम मियां कुछ दशक पहले अपने अब्बू बाबर अली के साथ मरकच्चो के इस सुदूर जंगली क्षेत्र में आकर बसे थे. उनका कुनबा बढ़ता गया और आज इस खानदान में 800 लोग हैं, इनमें 400 वोटर हैं. हकीम के अनुसार उनके दादा उत्तीम मियां के पांच बेटे मोहम्मद मियां, इब्राहिम मियां, हनीफ अंसारी, करीम बख्श और सदीक मियां हुए. मोहम्मद मियां को 4 पुत्र व 5 पुत्री, इब्राहिम मियां को 9 पुत्र व 1 पुत्री, हनीफ मियां को 5 पुत्र व 2 पुत्री, करीम बख्श को 2 पुत्र व 2 पुत्री, सदीक मियां को 6 पुत्र और 3 पुत्री हुए.

अर्थात उत्तीम मियां की तीसरी पीढ़ी में लड़कियों को छोड़ दें तो कुल 26 बेटे हुए. इन 26 बेटों से चौथी पीढ़ी में कुल 73 पुत्र हुए. इससे आगे पांचवीं व छठी पीढ़ी की सही सही गणना में हकीम के मुताबिक़ कन्फ्यूजन है लेकिन वह कहते हैं वर्तमान में करीब 800 लोग हैं. उत्तीम मियां के दूसरे पोते 70 वर्षीय मोइनुद्दीन अंसारी कहते हैं कि गांव में रोजगार का साधन खेतीबाड़ी है. खानदान के लोग धान, गेहूं, दलहन, मक्का व सब्जियों की खेती होती है. परिवार बढऩे के कारण खेती से सबका गुजारा नहीं हो पा रहा है. इसलिए खानदान के कुछ लोग आसपास के शहरों में रोजगार करने चले गए हैं. वहीं कुछ लोग सरकारी नौकरियों में भी सिलेक्ट हो गए हैं.

मोइनुद्दीन अंसारी के मुताबिक़, इस गांव में दो मस्जिद, मदरसा, स्कूल आदि है.  पहले लड़कियों की शादी आपस में खानदान के लड़कों से ही कर देते थे. लेकिन वे ज्यादा सफल नहीं हो पाई. जिसके चलते अब दूसरे गांवों में लड़कियां ब्याहने लगे हैं. बड़ी बात ये है कि इस खानदान में 400 एकड़ से अधिक जमीन लेकिन परिजनों का कहना है कि ये जमीन अब कम पड़ रही है. नादकरी में हकीम मियां के नाम से एक खतियान में 273 एकड़ जमीन है. वहीं हरलाडीह में करीब 100 एकड़ जमीन है. लेकिन इस परिवार का कहना है कि उनके पास जमीन कम पड़ रही है.

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