भारत में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित आर्थिक राजधानी मुंबई में अब तेजी से सुधार हो रहा है। मुंबई में डबलिंग रेट अब 76 दिन पर पहुंच गया है। वहीं बांद्रा पूर्व में यह डबलिंग रेट 166 दिन हो गया है। बांद्रा के साथ ही कुर्ला में 108 दिन, अंधेरी पश्चिम में 105 दिन और भांडुप में 106 दिन डबलिंग रेट हो गया है। फिलहाल मुंबईकरों के लिए यह बड़ी राहत की बात है।
कोरोना के डेली ग्रोथ रेट की अगर बात करें, तो मुंबई में इसका औसत अब 0.92% रह गया है। सबसे कम ग्रोथ रेट बांद्रा पूर्व का 0.4% है, जबकि सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट मलबार हिल, महालक्ष्मी, रेसकोर्स एरिया का 1.7% है। बोरिवली एरिया में यह दर 1.5% है। कुर्ला और अंधेरी वेस्ट वॉर्ड में डबलिंग रेट ही नहीं बेहतर हो रहा है, बल्कि 31 जुलाई तक यहां कोरोना के ऐक्टिव मरीजों की संख्या भी एक हजार से कम है। कुर्ला में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 5067 है, जिसमें से 4139 डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 404 लोगों की मौत हो चुकी है और ऐक्टिव मरीजों की संख्या सिर्फ 524 है।
इसी तरह अंधेरी वेस्ट में कोरोना के कुल 6405 मरीज पाए गए, इसमें से 5255 ठीक हो गए, 278 की डेथ हुई और 972 ऐक्टिव मरीजों का इलाज चल रहा है। भांडुप में 6350 कोरोना के मरीज मिले, जिसमें से 5118 डिस्चार्ज हुए, 399 की मौत हुई है और 833 ऐक्टिव पेशंट इस एरिया में हैं।
मालाड में कोरोना मरीजों की संख्या 6881 तक पहुंच गई है। यहां 5547 मरीज ठीक हो चुके हैं, 301 की डेथ और 1033 ऐक्टिव मरीज हैं। धारावी, दादर, माहिम में 6676 कोरोना के पेशंट अब तक मिले हैं, उसमें से 4894 ठीक हो चुके हैं, 436 की डेथ और 1346 ऐक्टिव पेशंट हैं। मुंबई में कोरोना के मामलों में सबसे बेहतर स्थिति में बांद्रा पूर्व का वॉर्ड है। यहां कोरोना मरीजों की कुल संख्या 3015 है, इनमें 3271 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 338 की मौत हुई है और 406 ऐक्टिव कोरोना पेशंट हैं।
पूर्वी मुंबई से लेकर दक्षिणी मुम्बई की स्थिति
मुंबई में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज वाले के/ ईस्ट वॉर्ड में ऐक्टिव मरीजों की संख्या अब सिर्फ 815 रह गई है। यहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7150 है, लेकिन ऐक्टिव मरीजों की संख्या सिर्फ 815 है। अब तक यहां 452 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वार्ड के कमिश्नर सपकाले कहते हैं, "यह मुंबई का सबसे बड़ा वॉर्ड है, जिसकी आबादी करीब 11 लाख है। एयरपोर्ट, एमआईडीसी व बड़े होटल्स इसी वॉर्ड में हैं। इसके बावजूद हमने यहां फीवर कैंप, घर-घर सर्वे, टेस्ट, मोबाइल वैन डिस्पेंसरी के जरिए बड़े पैमाने पर लोगों की जांच की, जिससे समय रहते केस सामने आए और उनका उचित इलाज हुआ। परिणाम यह निकला कि यहां ऐक्टिव पेशंट बहुत कम रह गए हैं। यहां डबलिंग रेट 90 दिन तक पहुंच गया है"।
अब तक अंधेरी पूर्व वॉर्ड में 7278 पेशंट में से 3375 स्लम और 3795 पेशंट नॉनस्लम एरिया से मिले हैं। कॉन्टैक्ट के 5840 मरीज पाए गए हैं, जबकि 5567 अब तक डिस्चार्ज हो चुके हैं। बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने जब से मुंबई में मिशन जीरो शुरू किया है, तब से कोरोना को मात देने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है।
कब आया था मुंबई में कोरोना का पहला केस ?
1 मार्च को मुंबई में जब कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था, तब किसी को भी इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था, कि यह महामारी इतना गंभीर रूप ले लेगी। देखते-देखते स्थितियां बिगड़ने लगी, और मुंबई भारत में कोरोना का केंद्र बन गया.