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India-Nepal: देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत दे रहा नेपाल को ये बड़ा तोहफा... पढ़ें

गौरतलब है कि कोरोना काल में जिस वक्त दुनिया में सभी तरह के कार्य बंद हो गए थे उस दौरान भी नेपाल में स्कूल-अस्पतालों का काम जारी रखा गया। यही कारण है कि तीन साल की अवधि में काफी हद तक काम पूरा कर लिया गया। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का मुख्य जिम्मा सीबीआरआई रुड़की को मिला.

Geeta
  • Aug 8 2022 10:17AM

भारत... एक ऐसा देश जो कि अगर किसी दूसरे देश से दोस्ती करता है तो उस दोस्ती को निभाता भी है. चाहे श्रीलंका के आर्थिक संकट में हर तरीके से उसकी सहायता करना या नेपाल में 2015 के भूकंप के बाद प्रधानमंत्री ने 2017 में नेपाल यात्रा के दौरान मदद की घोषणा... जहां केंद्र सरकार की ओर से नेपाल में 100 मिलियन यूएस डॉलर यानी भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 1100 करोड़ से फंडिड पोस्ट अर्थक्वेक रीकंस्ट्रक्शन ऑफ एजुकेशन एंड हेल्थ सेक्टर प्रोजेक्ट्स इन नेपालकी शुरुआत की गई. वहीं इसी कड़ी में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल सरकार को 75 स्कूल और अस्पताल के प्रोजेक्ट्स सौंपने का लक्ष्य पूरा हो गया है.

गौरतलब है कि कोरोना काल में जिस वक्त दुनिया में सभी तरह के कार्य बंद हो गए थे उस दौरान भी नेपाल में स्कूल-अस्पतालों का काम जारी रखा गया। यही कारण है कि तीन साल की अवधि में काफी हद तक काम पूरा कर लिया गया। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का मुख्य जिम्मा सीबीआरआई रुड़की को मिला.

वहीं वैज्ञानिकों ने बताया कि इनमें से 60 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। चीन बॉर्डर से नेपाल के भूकंप प्रभावित रिमोट एरिया में बनाए गए स्कूल और अस्पताल भारत के हस्ताक्षर के रूप में स्थापित होंगे. बता दें कि 2019 में नेपाल में शुरू हुए 147 अस्पताल, 70 स्कूल और एक बड़ी लाइब्रेरी के काम में सीबीआरआई के वैज्ञानिकों ने भूकंपरोधी तकनीक के साथ भवनों के डिजाइन, प्लानिग, कंस्ट्रक्शन की मॉनीटरिंग शुरू की.

सीबीआरआई वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 प्रोजेक्ट्स पूरा करने का लक्ष्य लगभग करीब है. इनमें से 60 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। इनमें 56 स्कूल और 19 अस्पताल शामिल हैं। इस साल के अंत तक सभी प्रोजेक्ट नेपाल सरकार के हैंडओवर कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चीन बॉर्डर पर बन रहे अधिकतर प्रोजेक्ट भारत के लिए कूटनीतिक रूप से होंगे महत्वपूर्ण होंगे और भारत के साइन के रूप में स्थापित होंगे। सभी भवन भूकंपरोधी और अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।

वैज्ञानिक डा. चौरसिया ने बताया कि कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन काम को किया जाता रहा। प्रोजेक्ट के तहत नेपाल की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है जो कि अपने आप में विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित और ऐतिहासिक होगी। नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू में बन रही यह लाइब्रेरी 90 हजार वर्ग फीट में होगी। जिस पर काम चल रहा है। इस लाइब्रेरी में भूकंपरोधी तकनीक, लिफ्ट, गार्डन सरीखी तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।

 

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