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70 साल के बुजुर्ग ने परिवार संग मांगी इच्छामृत्यु जाने क्या है कारण ?

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी सीएम का या कोर्ट का आदेश नहीं मानते हैं। ऐसे ही एक 70 साल के बुजुर्ग पिछले बीस साल से अथॉरिटी के चक्कर काट रहे हैं।

Anchal Yadav
  • Sep 1 2020 3:48PM
स्वामी दयानंद कॉलोनी दिल्ली के रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग मनोहर लाल मित्रा ने परिवार के साथ अपनी इच्छामृत्यु मांगी है। कोर्ट के आदेश से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया लेकिन मनोहर लाल को आज तक प्लॉट नहीं मिला। 20 साल पहले उन्होंने अथॉरिटी के पास रुपये भी जमा कराए थे। अब वह कोर्ट से जीतने के बाद भी यह लड़ाई हार गए हैं। उन्होंने कहा कि अब वह चाहते हैं कि उन्हें उनके परिवार के साथ इच्छामृत्यु दे दी जाए।मनोहर लाल ने बताया कि 2000 में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने एक विज्ञापन निकाला था। यह विज्ञापन कमर्शल प्लॉट के लिए था। मनोहर ने बताया कि उनके तीन बेटों को व्यवसाय कराने के लिए उन्होंने अथॉरिटी से संपर्क किया। सारे दस्तावेज एकत्र करके 500 से 1000 मीटर प्लॉट के लिए आवेदन किया।जब प्लॉट आवंटित किए गए तो उसमें मनोहर लाल का नाम नहीं था। उन्होंने अथॉरिटी से संपर्क किया तो वहां किसी ने भी उन्हें सही से जवाब नहीं दिया। परेशान होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम में मामला दायर किया। उपभोक्ता फोरम से उनके पक्ष में आदेश हुआ लेकिन अथॉरिटी ने कोई सुनवाई नहीं की। उसके बाद मनोहर मित्र स्टेट फोरम और फिर नैशनल कंज्यूमर फोरम तक पहुंचे।नैशनल कंज्यूमर फोरम में अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि वह कमर्शल यूज के लिए 2500 मीटर से कम का प्लॉट नहीं देंगे। मनोहर इस पर भी राजी हो गए। कंज्यूमर फोरम ने छह साल पहले आदेश दिया कि मनोहर लाल को 500 से लेकर 2500 मीटर तक का प्लॉट दिया जाए। इस आदेश के छह साल बाद भी मनोहर की कोई सुनवाई नहीं हुई। 70 साल के मनोहर लाल उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से जनता दरबार में आकर मिले। यहां से उनका प्रार्थना पत्र अथॉरिटी के अधिकारियों निर्देशित करके भेजा गया लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। मनोहर ने बताया कि जब वह अथॉरिटी जाते हैं तो अधिकारी उनसे कहते हैं कि इस तरह के कोर्ट और सीएम के रोज दर्जनों आदेश आते हैं। कोई भी उनकी नहीं सुनता।मनोहर लाल ने बताया कि 20 साल से वह कोर्ट, सीएम, अधिकारियों और न्याय के लिए हर दर पर जा चुके हैं। अब वह थक चुके हैं। उनके बेटे प्राइवेट नौकरी करते थे। लॉकडाउन में वह भी छूट गई। अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी है।

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