जिस चरम पर जिहाद और आतंक फैला हुआ
है। उसका एक कारण कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि की PFI है। PFI हिंदुओ के खिलाफ
जहर उगलना और उनके साथ मार-काट करना ही सिखाती है। बता दें कि 21 मई 2022 को अलाप्पुझा
में पीएफआई द्वारा ‘गणतंत्र बचाओ’ एक
रैली का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें जमकर देश के विरोध में भड़काऊ
नारेबाजी की गई थी। रैली के दौरान कई नाबालिक बच्चे भी हिंदुओ को धमकियां दे रहे
थे। रैली में कहा जा रहा था कि, “चावल तैयार रखो। यम आपके घर
आएँगे। यदि आप सम्मानपूर्वक रहते हैं, तो आप हमारे स्थान पर
रह सकते हैं। अगर नहीं, तो हम नहीं जानते कि क्या होगा।”
आपको बता दें कि पीएफआई की रैली में
भड़काऊ नारे लगाने के लिए 33 में से 32 आतंकियों
को केरल हाई
कोर्ट ने 5 जुलाई 2022 को जमानत दे दी
है। न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने कहा, “आरोप गंभीर
प्रकृति के हैं, फिर भी वे सभी 30 दिनों
से अधिक समय से जेल में हैं। आरोपितों से संबंधित जाँच पूरी हो गई है, इसलिएउन्हें और समय तक हिरासत में रखना उचित नहीं होगा। इस मामले के दो
आरोपित अब भी फरार हैं।” न्यायमूर्ति ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में, मैं इन जमानत अर्जियों को
स्वीकार करने के पक्ष में हूँ।”
तो वहीं दूसरी और देश भर से पीएफआई की इस रैली में
नाबालिकों द्वारा भड़काऊ नारे बोलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के
प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा था, “इस तरह की गतिविधियों में बच्चों को शामिल करना किशोर न्याय अधिनियम के
खिलाफ है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह एक संज्ञेय अपराध है।”