भारत के वामपंथी और हिन्दूविरोधी धर्मनिरपेक्ष वर्ग को अक्सर ये कहते सुना गया होगा कि अपराध और खास करआतंकवाद की जड में गरीबी और अशिक्षा हुआ करती है. लेकिन उत्तर प्रदेश की धर्मनगरीप्रयागराज में जो कुछ भी हुआ उसने स्वघोषित सेकुलरिज्म के बनाए इस स्द्दिहंत कोतार तार कर दिया है और सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या सच में गरीबी और अशिक्षा हीअपराध व् आतंकवाद की जड होती है ? फिलहाल प्रयागराज में जो कुछ भी हुआ है वो बड़ेसवाल खड़े करने के लिए काफी है कि कहीं वामपंथी वर्ग द्वारा तबलीगी जमात को मिलासमर्थन कोई बड़ा षड्यंत्र तो नहीं इस देश के विरुद्ध ?
लगातार पुलिस और शासन द्वारा चेतावनी जारी करने और बार बारसमझाने के बाद भी जिस प्रकार से सत्ता के नियमो और देश की सुरक्षा को चुनौती मिलरही है उसका एक बड़ा उदाहरण प्रयागराज में देखने को मिला है. प्रयागराज मेंलॉकडाउन का उल्लंघन कर कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में कुछ मस्जिदों में छिपे 30 लोगों को गिरप्तारकिया गया है। गिरफ्तार लोगों में 16 विदेशी नागरिक हैं, बाकी 14 भारतीय हैं। पकड़ेके 30 लोगों में से सभीविदेशियों समेत 19 लोगों का तबलीगी जमात से कनेक्शन जुड़ा हुआ। इन सबकी आज हीअदालत में पेशी की जाएगी। सभी विदेशी नागरिकों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी केराजनीतिक विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर ने छिपाकर रखा था। पुलिस ने उसे प्रोफेसरको भी गिरफ्तार कर लिया है।
मिल रही जानकारी के अनुसार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, 16 विदेशी जमाती समेत 30 गिरफ्तार कर लिएगये हैं. इन सभी आरोपियों को पिछले 31 मार्च को ही लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुएपाया गया था, लेकिन इन लोगों में एक कोरोना पॉजिटिव मिला था। इसके बाद पुलिस ने इन सबको आइसोलेशन में भेज दिया। इन सबको शहर के3 थाना क्षेत्रों कीमस्जिदों से पकड़ा गया था। लेकिन, जब इन सबका क्वारंटीन पूरा हो गया तो इन्हें गिरफ्तार किया गयाहै। आरोप है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद ने इन सबकोकानून से छिपा कर रखा था और उनकी गैर-कानूनी मदद की। इन सबको विदेशी नागरिकों सेजुड़े कानून और साजिश रचने के आरोपों में भी गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गएविदेशियों में से 7 इंडोनिशियाई और 9 थाईलैंड के नागरिक हैं।