हिंदू नेताओं की हत्या का इतिहास आज का नहीं बल्कि बहुत पुराना है. उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाके टांडा से आता है और उनका नाम है रामबाबू गुप्ता जी. इन तमाम हत्याओं में एक हत्या रामबाबू गुप्ता जी की भी है जो 2013 में केवल धर्म और हिन्दू आदि के नाम लेने के चलते मार दिए गये थे. और इसको सुनियोजित तरीके से दबाया गया.
वीर बलिदानी रामबाबू गुप्ता जी तत्कालीन योगी आदित्यनाथ के समूह हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी थे. रामबाबू गुप्ता जी के परिजों के अनुसार उनको तत्कालीन समाजवादी पार्टी का विधायक अजीमुल हक किसी भी हाल में और किसी भी रूप में पसंद नहीं करता था .
उस समय समाजवादी पार्टी के विधायक की हैसियत क्या थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रामबाबू के परिजनों के चीखते रहने और दिल्ली तक की चौखट पर मत्था टेकने के बाद भी किसी भी पुलिस वाले में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो एक दिन के लिए अजीमुल हक को बुला कर पूछताछ ही कर लेता .
उस समय रामबाबू गुप्ता जी केस एक एकलौते गवाह राममोहन गुप्ता जी को भी उनकी दुकान में घुस कर मार डाला गया था. लेकिन यही अम्बेडकरनगर पुलिस कुछ भी नहीं कर पाई थी. धर्मरक्षा की आवाज उठा कर अमर हुए रामबाबू गुप्ता को आज उनके बलिदान दिवस पर शत शत नमन.