27 अक्टूबर को भारत और अमेरिका की अहम बैठक, कुछ अहम समझौते संभव
अगले हफ्ते होने जा रही तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत और अमेरिका (India & America) के बीच कई अहम सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
अगले हफ्ते होने जा रही तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत और अमेरिका (India & America) के बीच कई अहम सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. इनमें दोनों देश संस्थागत इटेंलिजेंस-शेयरिंग एग्रीमेंट की ओर बढ़ सकते हैं और तीनों सेनाओं के अभ्यास को मानव रहित, अंतरिक्ष और पानी के भीतर जैसे विभिन्न आयामों तक पहुंचा सकते हैं. 26-27 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (MEA S Jaishankar), अमेरिकी गृह सचिव माइक पॉम्पिओ (Mike Pompeo) और रक्षा सचिव मार्क एस्पर (Mark Esper) से दिल्ली में मुलाकात करेंगे. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) द्वारा 2017 में तय किए गए शीर्ष रणनीतिक संवाद की तीसरे दौर की वार्ता होगी.
बैठक में दोनों पक्षों के BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) नामक एक जियोस्पेटल सैन्य नींव समझौते पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद जताई जा रही है. ये भारत का एक अग्रदूत है और अमेरिका से पिनपाइंटेड हमलों के लिए स्थानिक डेटा का उपयोग करने के लिए MQ-9B जैसे सशस्त्र ड्रोन प्राप्त कर रहा है. 3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से कुछ हफ्तों पहले होने जा रही इस बैठक में दोनों पक्षों के पिछले लाभ को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, जिसमें कि भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को गहरा करने पर द्वि-पक्षीय सहमति है.
इस बात की प्रबल संभावना है कि दोनों पक्ष एक समझौते पर काम कर सकते हैं जो दोनों देशों की रक्षा खुफिया एजेंसियों के बीच संस्थागत संबंधों की अनुमति देता है. भारत और अमेरिका पहले से ही संचार समझौते के माध्यम से वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करते हैं जिसे COMCASA कहा जाता है. लेकिन नया समझौता दोनों सहयोगियों को दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक के सभी रक्षा मामलों में विकास पर महत्वपूर्ण त्रि-सेवाओं की खुफिया जानकारी साझा करने की अनुमति देगा. यह प्रस्ताव पिछले कुछ वर्षों से बिना किसी नतीजे के अटका हुआ था.
हालांकि अभी भी मोदी कैबिनेट की ओर से BECA को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जानी है, लेकिन ये समझौता भारत को अमेरिका से सशस्त्र मानवरहित हवाई और पानी के भीतर के प्लेटफार्म खरीदने में सक्षम करेगा. ये तय लक्ष्यों के पिन-पॉइंटेड विनाश के लिए पड़ोसी इलाके के नक्शे के साथ लोड किए जाएंगे. इलाके के नक्शे भारत द्वारा अधिग्रहित अमेरिका निर्मित प्लेटफार्मों के जरिए सटीक उड़ान भरने में भी मदद करेंगे और इससे अपाचे अटैक हेलीकाप्टरों और चिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकाप्टरों जैसे प्लेटफार्मों की सैन्य क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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