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अमेजन की वेबसाइट पर फर्जी खाते बना ठग लिए 2 करोड़ रुपये

अमेजन की वेबसाइट पर फर्जी खाते बना ठग लिए 2 करोड़ रुपये, यूट्यूब से सीखा ठगी का तरीका, दो आरोपी गिरफ्तार

Anchal Yadav
  • Jul 27 2021 9:34PM
ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फर्जी खाते बनाकर ठगी करने वाले दो जालसाजों को थाना साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन लोगों ने यूट्यूब से साइबर ठगी का तरीका सीखा था। आरोपितों के पास से तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। ठगों ने फर्जी खाते की मदद से दो करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी। आरोपियों की पहचान हरियाणा निवासी अनिल उर्फ आलोक और सचिन के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके बैंक खातों में जमा करीब 26 लाख रुपए फ्रीज कर दिए हैं।नोएडा साइबर थाने के प्रभारी विनोद पांडेय ने बताया कि आरोपी वर्चुअल नंबर के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर अमेजन कंपनी के फर्जी नामों से अकाउंट बनाते थे। उसके बाद अकाउंट के माध्यम से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट का प्रीपेड ऑर्डर (सीओडी) करते थे। फर्जी पतों से उन ऑर्डर को प्राप्त कर उन्हें कम कीमतों पर दिल्ली की गफ्फार मार्केट, करोलबाग और दिल्ली-एनसीआर की अन्य दुकानों में बेच देते थे।इसके बाद वेबसाइट पर जाकर प्रॉडक्ट में डिफेक्ट बता कर रिटर्न रिक्वेस्ट डाल देते थे। गिरफ्त में आए आरोपितों के एक अन्य साथी अनिल नैन अमेजान के डिलीवरी एजेंट के साथ मिलकर फर्जी तरीके से पिक-अप डन दिखा देता था। इसके बाद प्रॉडक्ट की कीमत अमेजन से इनके अकाउंट में वापस आ जाती थी। इसके बाद आरोपी सारा पैसा अपने खातों में वापस ले लिया करते थे।

आरोपी एक मोबाइल नंबर के वर्चुअल नंबर से 100 फर्जी अमेजान खाते बनाते थे और उनसे अलग-अलग बुकिंग करते थे। पुलिस ने बताया कि ठगी के दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। वहीं, अनिल नैन सहित गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है। अनिल के बारे में भी कुछ अहम इनपुट हाथ लगे हैं। जल्द ही अन्य आरोपितों को दबोच लिया जाएगा

साइबर टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि आरोपितों की दुकान है। कोरोना के कारण जब व्यापार ठंडा पड़ा तो आरोपितों ने ठगी करने का खाका तैयार किया। साइबर थाने के निरीक्षक ने बताया की आरोपी अनिल नैन और अनिल बचपन के घनिष्ठ मित्र हैं। हरियाणा के उकसाना में गिरफ्तार आरोपी अनिल की मोबाइल की दुकान है जबकि सचिन की वहीं पर गारमेंट की दुकान है। दोनों के ठगी का काम चल निकला तो आरोपितों ने दुकान से किनारा कर पूरा फोकस ठगी पर लगा दिया।

आरोपियों ने पुलिस को बताया ये लोग एक मोबाइल पर 100 वर्चुअल खाते बनाते थे। एक मोबाइल पर 100 वर्चुअल खाते बनाये जाने की जानकारी के लिए इन्होंने यू ट्यूब पर सर्च किया और उससे जानकारी लेते हुए 100 वर्चुअल खाते बनाकर अलग-अलग अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी करते थे। आरोपियों ने बताया कि जनवरी 2021 से अब तक वह लोग करीब 2 करोड़ रुपए कमा चुके हैं।

ठगी की शुरुआत भले ही तीन लोगों ने की हो लेकिन इनके ग्रुप का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा था। गिरोह में शामिल आठ से दस लोग पुलिस की रडार में हैं। साथ ही दिल्ली की गफ्फार और करोल बाग मार्केट के व्यापारियों की भी तलाश कर रही है जो इनसे सस्ते दामों पर मोबाइल और अन्य सामान खरीदते थे। ग्रुप के अधिकतर लोग हरियाणा के हैं। कई लोग दिल्ली सहित अन्य क्षेत्रों से भी हैं। अन्य ठगी के मामले की जानकारी के लिए पुलिस की निगाह आरोपियों से बरामद मोबाइल पर टिक गई है। पुलिस मोबाइल की जांच कर रही है। टीम का कहना है कि मोबाइल के माध्यम से जल्द ही कुछ और ठगी के खुलासे होंगे।

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