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ऐतिहासिक जीत के 15 साल पूरे, पाकिस्तान को हराकर आज ही के दिन बनी थी टीम इंडिया T20 वर्ल्डकप चैंपियन

17 मार्च 2007 को टीम इंडिया को वनडे वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ और उसके बाद श्रीलंका के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। काफी उथल-पुथल मची राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ी, ग्रेग चैपल को कोचिंग से हटाया गया। जिसके बाद धोनी के रूप में टीम इंडिया को नया और युवा कप्तान मिला। इसी बीच टी20 क्रिकेट की शुरुआत हो चुकी थी और अब बारी थी पहले टी20 वर्ल्ड कप की जो साउथ अफ्रीका में खेला जा रहा था। यह नया टूर्नामेंट था, फॉर्मेट नया था, टीमों को एक दूसरे का खासा अंदाजा भी नहीं था।

Raj Mahur
  • Sep 24 2022 4:30PM
कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने सबसे पहली बार 1983 में विश्व कप जीता था। उस वक्त तक वनडे वर्ल्ड कप ही खेला जाता था। भारतीय टीम तीसरे संस्करण में विश्व विजेता बनी थी। इसके बाद टीम ने 24 साल तक अगले विश्व कप का इंतजार किया था। यह इंतजार मार्च 2007 में और बढ़ता दिख रहा था। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम का 2007 वर्ल्ड कप में बेहद लचर प्रदर्शन दिखा और टीम विश्व कप से बाहर हो गई। लेकिन किसी को भी नहीं पता था अगले 6 महीने भारतीय क्रिकेट के लिए स्वर्णिम होने वाले हैं।

17 मार्च 2007 को टीम इंडिया को वनडे वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ और उसके बाद श्रीलंका के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। काफी उथल-पुथल मची राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ी, ग्रेग चैपल को कोचिंग से हटाया गया। जिसके बाद धोनी के रूप में टीम इंडिया को नया और युवा कप्तान मिला। इसी बीच टी20 क्रिकेट की शुरुआत हो चुकी थी और अब बारी थी पहले टी20 वर्ल्ड कप की जो साउथ अफ्रीका में खेला जा रहा था। यह नया टूर्नामेंट था, फॉर्मेट नया था, टीमों को एक दूसरे का खासा अंदाजा भी नहीं था।

इस विश्व कप में टीम इंडिया भी उतरी। इससे पहले भारतीय टीम को टी20 इंटरनेशनल मैचों का खास अनुभव नहीं था। टीम के अनुभवी प्लेयर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ इन सीनियर्स ने इस फॉर्मेट से अपना नाम वापस ले लिया। जिसके बाद एमएस धोनी के नेतृत्व में बिलकुल नयी और युवा टीम उतरी। वनडे विश्व कप की हार निश्चित ही धोनी के जहन में थी क्योंकि वह खुद भी उस टीम का हिस्सा थे। इस वर्ल्ड कप में टीम का पहला मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ रद्द हुआ फिर अगले ही दिन टीम का सामना अपने चिर-प्रतिद्वंद्वीय पाकिस्तान से हुआ। मुकाबला कांटे का था और टाई होने के बाद बॉल आउट से भारत ने विजयी आगाज किया।

उसके बाद धोनी की टीम सिर्फ न्यूजीलैंड से हारी। इसके बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका व इंग्लैंड को दूसरे राउंड में हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली। 22 सितंबर को अंतिम 4 के नॉकआउट मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया का सामना हुआ। इस मैच में टीम इंडिया ने बेहद जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए वनडे के विश्व चैंपियंस को चारों खाने चित कर दिया। अब बारी थी खिताबी मुकाबले की जिसमें भारत का सामना था सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने वाले पाकिस्तान से था। 

 इस दौरान कई ऐसे मौके आये जिससे दर्शक रोमांचित हो गए। पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक का वो स्कूप शॉट मिस होना, श्रीसंत का कैच लेना, धोनी का जोगिंदर को ओवर देना यह सब आज भी चर्चा का विषय है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह थी कि भारतीय टीम विश्व चैंपियन बन चुकी थी। एक वो भारतीय टीम जो 6 महीने पहले टूटी थी, बिखर गई थी। कोच, कप्तान, टीम कॉम्बिनेशन सब बदल गया था। उसी टीम ने विश्व कप का खिताब जीता था, देशवासियों के 24 साल के इंतजार को खत्म किया था। अब टीम संभल चुकी थी। टीम के पास एक नया कप्तान था। यह जीत इन सभी बातों के लिहाज से भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत में से एक थी।

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