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धार्मिक नगरी उज्जैन में 118 किलोमीटर पंचकोशी यात्रा की परंपरा का निर्वाह

नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना कर प्राप्त किया बल अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के 5 पदाधिकारी श्रद्धालुओं ने पौराणिक यात्रा की शुरुआत की है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने भी की पूजा

अतुल उपाध्याय रिपोर्टर नागदा जिला उज्जैन (मध्य प्रदेश) मो 9993339356
  • May 6 2021 7:04PM
नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना कर प्राप्त किया बल उज्जैन। धार्मिक नगरी में प्रतिवर्ष पंचक्रोशी यात्रा हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पूरी की जाती है लेकिन एक बार फिर कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा को निरस्त कर दिया गया है। परंपरा को कायम रखने के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के 5 पदाधिकारी श्रद्धालुओं ने पौराणिक यात्रा की शुरुआत की है। 118 किलोमीटर की आस्था भरी पंचक्रोशी यात्रा प्रतिवर्ष धार्मिक नगरी में हजारों श्रद्धालुओं के साथ शुरू होती है जिसकी व्यवस्था का जिम्मा प्रशासन पर रहता है। यात्रा के लिए तिथि प्रशासन द्वारा घोषित की जाती है लेकिन श्रद्धालु यात्रा की शुरुआत 1 से 2 दिन पहले कर देते हैं। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पंचकोशी यात्रा पर कोरोना संक्रमण का साया है। प्रशासन ने यात्रा को स्थगित कर दिया है जिसके चलते यात्रा की परंपरा का निर्वाहन करने के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के 5 पदाधिकारियों ने आज यात्रा की शुरुआत की है। समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी, पं.राहुल व्यास पुजारी सर्वेश्वर महादेव, पं.राहुल शर्मा ब्राह्मण समाज सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष, पं.अरुण शर्मा करणी सेना उज्जैन मूल शहर जिला अध्यक्ष, चार द्वारपाल पंचकोशी यात्रा समिति के संयोजक प्रताप सिंह राजपूत यात्रा में शामिल है। जिन्होंने आज तड़के कटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान का पूजन अभिषेक किया और यात्रा का ध्वज श्रीफल अर्पित कर फल प्राप्त करते हुए आस्था से भरी यात्रा की शुरुआत कर दी। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के पांचो पदाधिकारी पैदल 118 किलोमीटर की यात्रा के दौरान पांच पड़ाव पर विश्राम करेंगे और वहां बने महादेव मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे। आस्था से भरी यात्रा में आते हैं पांच महादेव मंदिर वैशाख मास में पंचकोशी यात्रा का महत्व माना गया है इस यात्रा के दौरान ज्ञात-अज्ञात देवताओं की प्रदक्षिणा का पुण्य मिलता है। 118 किलोमीटर की यात्रा के दौरान पिंगलेश्वर, कायावरुनेश्वर, विलवेश्वर, धुद्धेश्वर और नीलकंठेश्वर महादेव मंदिरों पर पड़ाव रहता है जहां श्रद्धालु भजन कीर्तन कर विश्राम करते हैं और मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु 5 दिनों की भोजन व्यवस्था की गठरी अपने सिरों पर रखकर पैदल एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव पर पहुंचते हैं। यात्रा के दौरान सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी श्रद्धालुओं के भोजन पानी और अन्य जरूरत की चीजों को उपलब्ध कराया जाता है। प्रशासन द्वारा भी स्वास्थ्य विभाग से लेकर अन्य व्यवस्थाएं जुटाई जाती हैं। यात्रा में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते हैं। लेकिन 2 वर्षों से कोरोना का साया आस्था से भरी इस यात्रा पर बना हुआ है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने भी शुरू की पंचक्रोशी यात्रा कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा पंचक्रोशी यात्रा निरस्त कर दी गई है। जन सामान्य के स्वास्थ्य एवं शहर में शांति रखने के उद्देश्य से आज सुबह उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन किया और भगवान से बल लिया। डॉ. यादव ने बताया कि जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को शांत करने के उद्देश्य से पंचक्रोशी यात्रा वाहन द्वारा संपन्न होगी। डॉ. यादव ने आगे बताया कि यह लोगों की आस्था की यात्रा होती है। इसमें लाखों लोग प्रतिवर्ष शामिल होते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते यात्रा को स्थगित किया गया है। जनसामान्य की आस्था का सम्मान करते हुए यह यात्रा प्रतिकात्मक रूप में की जा रही है। प्रत्येक पड़ाव स्थल पर डॉ. यादव भगवान का पूजन अर्चन कर कोरोना संक्रमण को दूर करने की कामना ।

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