ये वो समय है जब देश कोरोना नाम की महामारी से लड़ रहा है.. लेकिन उसके बाद भी कुछ ऐसे तत्व भी है जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. मुरादाबाद इंदौर और बिहार के कुछ हिस्सों में डाक्टरों और पुलिस वालों पर हमले किये गये हैं. ऐसे में सख्त कार्यवाही की आशा में देश और देशवासी कोरोना से लड़ रहे इन वीरों के हमलावरों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही मांग रहे हैं.. लेकिन ठीक उसी समय वामपंथी वर्ग सक्रिय हो गया है और उसने इन हमलावरों के खिलाफ एक शब्द बोले बिना ही उन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं जो तबलीगी जमातियो जैसे उन के खिलाफ बोल रहे हैं जो आए दिन कहीं न कहीं थूकते या अन्य हरकतें करते मिल रहे हैं. ध्यान देने योग्य है कि साधुओं की महाराष्ट्र के पालघर में हुई निर्मम हत्या से बेखबर वामपंथी वर्ग फिर से सक्रिय हो उठा है और उसने मुख्यमन्त्रियो को सम्बोधित करना शुरू कर दिया है.
देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपालों को खुला पत्र लिख कर मुस्लिमों को प्रताड़ना से बचाने की अपील की है। उनके अनुसार मुस्लिम कोरोना के नाम पर प्रताड़ित किये जा रहे हैं. ठीक यही शब्द कुछ समय पहले अरुंधती रॉय ने भी कहा था जिसके बाद अब उनके बाकी साथी भी इसी क्षेत्र में उतर गये हैं और उन्होंने परोक्ष तौर पर उनकी हाँ में हाँ मिलाई है. मुख्यमन्त्रियो को स्मोब्धित पत्र में उन्होंने कहा गया है कि कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के बाद तब्लीगी जमात की सोशल डिस्टेंसिंग के कायदों को न मानने के लिए आलोचना की गई थी, जबकि यह इस तरह के राजनीतिक या मजहबी जुटाव की अकेली घटना नहीं थी।
पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस के केस बढ़ने के बाद तब्लीगी जमात में इकट्ठा हुए लोगों की आलोचना की गई जबकि इस तरह का धार्मिक जुटाव अकेले इस जगह नहीं हुआ. खत में कहा है कि तब्लीगी जमात ने दिल्ली सरकार की एडवाइजरी को नजरअंदाज करके कार्यक्रम किया, जो गलत था लेकिन मीडिया के एक हिस्से ने कवरेज में पूरे मुस्लिम समदाय को जिम्मेदार ठहराया जो गैरजिम्मेदाराना है.पत्र में आगे कहा गया कि मुस्लिम दुकानदारों पर जानबूझकर कोरोना फैलाने का आरोप लगाने के साथ कुछ फेक वीडियो क्लिप्स वायरल की गईं, जिसमें उन्हें फल-सब्जियों पर थूकते दिखाया गया. इसके जरिए मौजूदा महामारी से उपजे डर को मुस्लिम समुदाय को अलग-थलग करने के लिए केंद्रित किया गया। इन हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर एसवाई कुरैशी, जूलियो रिबेरो, वजहत हबीबुल्ला, शिवशंकर मेनन, के सुजाता राव और अन्य लोग शामिल हैं।