उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों की तैयारियां सभी पार्टी कर रही है। तमाम पार्टियां लगातार तमाम प्रयासों के जरिये उत्तर प्रदेश की गद्दी अपनी तरफ खींचने में लगी हुई है। एक तरफ जहाँ सपा(SP) और बसपा(BSP), भाजपा(BJP) पर हमलावर रही है वही अब भाजपा ने इन दोनों खेमो पर ऐसी सेंध मारी है, जिसकी भरपाई इस 'चुनावी मौसम' में शायद सम्भव नहीं है।
दरअसल, भाजपा ने सपा और बसपा के कुल 10 MLC को अपने खेमे में बुला लिया है जिससे भाजपा और मज़बूत हो गई है। गुरुवार को सपा और बसपा के 10 एमएलसी बीजेपी में शामिल हो गए. बता दें जवाइनिंग कमेटी के समक्ष सपा और बसपा के विधायक और एमएलसी सहित कई बड़े नेताओं को बीजेपी में शामिल कराने का प्रस्ताव रखा गया था.
सपा के नेता भी हुए बीजेपी में शामिल
समिति ने सपा के विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, अक्षय प्रसाद सिंह, रमा निरंजन, नरेंद्र भाटी व बसपा के ब्रजेश कुमार सिंह प्रिंसू सहित दस एमएलसी के बीजेपी में शामिल करने की मंजूरी दी. ज़िसके बाद ये सभी एमएलसी आज बीजेपी मुख्यालय में सदस्यता ली.
मिली खबर के मुताबिक सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले परिषद सदस्यों में अधिकांश सदस्य नगर निकाय क्षेत्र से एमएलसी है. इतना ही नहीं बीजेपी ने इन सदस्यों को विधान परिषद के आगामी नगर निकाय क्षेत्र चुनाव में उम्मीदवार बनाने की भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है.
बताया जा रहा है कि सपा के जो सदस्य बीजेपी में शामिल हो रहे हैं उन्हें मनाने में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा और बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बड़ी भूमिका रही है. जानकार मानते हैं कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इन सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने से सपा को बड़ा झटका लगेगा. जबकि अगर बीजेपी की बात करें तो इन सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने से उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में फायदा होगा।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और पार्टी नेता दयाशंकर की अहम भूमिका
विरोधी दल सपा-बसपा के सदस्यों को भाजपा में शामिल कराने में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा(Dinesh Sharma) और भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह(Dayashankar Singh) की बड़ी भूमिका है। दरअसल दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करना बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है। ऐसे में जहां यूपी विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी को इस रणनीति से फायदा पहुंचेगा, तो विरोधी दलों को तगड़ा झटका लगेगा।