चार साल पहले फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, इस मामले में सभी आरोपियों पर लगाए गए आरोप अभी तक संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें बरी किया जाता है।
अपने फैसले में कड़कड़डूमा अदालत ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि, अभियोजन पक्ष के तीन गवाहों के बयानों और सबूतों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। मामले में सभी आरोपियों पर आरोप संदेह से परे साबित नहीं हो सके है। अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया और उन्हें संदेह का लाभ भी दिया है।
दिल्ली दंगों से जुड़े आरोपी रिहा
कड़कड़डूमा कोर्ट द्वारा लंबी सुनवाई के बाद दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर को बरी कर दिया गया है।
सूदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हानके जी ने X पर अपने एक पोस्ट में इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि,
"दिल्ली के 10 हिंदू विरोधी दंगाईयों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने बरी किया…
इन मुस्लिम दंगाईयों ने हिंदुओं पर किया था हमला, जलाए थे घर और की थी लूट
नरेंद्र कुमार और सतीश कुमार के घर पर हमला हुआ था
ये दोनों तो दिल्ली दंगों में बर्बाद हो गए और ऐसा करने वाले मोहम्मद शाहनवाज नू, मोहम्मद शोएब , शाहरुख, राशिद , आजाद, अशरफ अली, परवेज, फैसल, राशिद और मोहम्मद ताहिर को बरी कर दिया गया… वाह रे न्याय !"
इससे पहले वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 से 25 फरवरी के बीच हुए दंगों के दौरान धरने पर बैठी कुछ महिलाओं और मस्जिद पर भीड़ के हमले से जुड़े मामले को लेकर दयालपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कड़कड़डूमा कोर्ट द्वारा पिछले महीने 31 अगस्त को दिए गए आदेश पर साढ़े 4 साल बाद सोमवार को यह मामला दर्ज किया गया।