उत्तर प्रदेश के रामपुर की अदालत ने मजदूरों पर खतरनाक हथियारों से हमला करने वाले आरोपियों को दोषी ठहराया है. अदालत के आदेश के मुताबिक, “मुस्लिम” नाम के चौथे व्यक्ति और साजिद ने मजदूर पर डंडों से हमला किया, जिसमें अतर सिंह लहूलुहान हो गया.
बता दें जिन मजदूरों पर हमला किया गया, वे नवंबर 2015 में स्थानीय लोगों के समर्थन से अपने इलाके में मरम्मत का काम कर रहे थे, उसी दौरान दोषी डंडों और लाठियों के साथ उनके पास आए और कहा, “तुम सालों… च*** (एक जातिवादी गाली)! धर्मशाला बनाने की हिम्मत तुम्हारी कैसे हुई? ये हमारी जगह है”
हालांकि मुकदमे के दौरान मुस्लिम नाम के आरोपित की मौत हो गई, इसकी वजह से उसका नाम केस से अलग कर दिया गया. इस मामले में SC समाज के लोगों पर धर्मशाला की मरम्मत के समय हमला किया गया. हमलावरों ने कहा कि ये जमीन हमारी है और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस पर धर्मशाला बनाने की.
अदालत ने अकरम, मुस्तकीम और साजिद को भारतीय दंड संहिता (धारा 323, 324 और 504) के साथ-साथ धारा 3 और 4 के तहत खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल से स्वेच्छा से चोट पहुँचाने और शांति में बाधा डालने के लिए और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत दोषी ठहराया और 6.5 साल (कुल) कारावास की सजा सुनाई गई.