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सुदर्शन न्यूज़ औरों से अलग क्यों है? कइयों को मिर्ची क्यों लगती है? इसे पढ़कर समझिये

सुदर्शन के सच को स्वीकार करना हर किसी के बस की बात नहीं है, इसीलिए सच से नफरत करने वालों को सुदर्शन चुभता है। एक बार फिर सुदर्शन न्यूज़ को लेकर देशभर में चर्चा है।

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  • Apr 7 2022 8:07AM
सुदर्शन न्यूज़ औरों से अलग क्यों है? कइयों को मिर्ची क्यों लगती है? इसे पढ़कर समझिये
 
 
 
सुदर्शन जिन मुद्दों को लेकर बात करता है, बीते वर्षो से यह प्रमाण है कि बाकी मीडिया भी उन मुद्दों को पकड़कर सुदर्शन के पीछे पीछे चलने लग जाती है।
 
 
 
 
जनसंख्या नियंत्रण की बात हो, यूपीएससी जिहाद की बात करें, हिंदुओं को लेकर दुर्भाव वाले नियमों की बात करें, ट्रिपल तलाक, भगवान श्री राम चंद्र जी के मंदिर निर्माण, समेत अनेक ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें वर्षों से केवल और केवल सुदर्शन न्यूज़ ने ही उठाया है।
 
 
 
 
पत्रकारिता को देश से जोड़कर कैसे किया जाता है? यह उदाहरण सुदर्शन न्यूज ने प्रस्तुत किया है। जिसके बाद अब बाकी मीडिया संस्थान कुछ हद तक बोलने लगे हैं। सुदर्शन के सच को स्वीकार करना हर किसी के बस की बात नहीं है, इसीलिए सच से नफरत करने वालों को सुदर्शन चुभता है। एक बार फिर सुदर्शन न्यूज़ को लेकर देशभर में चर्चा है। 
 
 
 
 
सुदर्शन ने किस तरह योगदान दिया है देश और अन्य राज्यों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपको बताते हैं-
 
• जब किसी अशिक्षित महिला को अंधविश्वास दिखाकर उसके मूल धर्म से हटाने का पाप किया जाता है। अनेक ज़िम्मेदार लोग इसपर चुप्पी साध लेते हैं। तब धर्म के प्रति उस महिला को अडिग रखने, पाप कराने वालों को सबक सिखाने के लिए जागे हुए लोगों को एक चैनल नज़र आता है, वो है सुदर्शन न्यूज़
• किसी के बड़े पापा की गौमाता को कोई विधर्मी मारकर काट डालता है। मीडिया संस्थान में कार्यरत होने के बाद भी जब बड़ी बातें करने वाली साथी अपने संस्थान में पीड़ित होने के बाद भी हिम्मत से सच नहीं दिखा सकते। फोन करके 'भैया प्लीज़ चला दो, न्याय दिला दो..' कहकर न्याय की गुहार पूरे विश्वास से लगाती है। जिस चैनल पर वो इतनी भीड़ में विश्वास करती है, वो है सुदर्शन न्यूज़
• नाबालिग का खतना करके उसके मानवाधिकार का हनन होता है, सारे साक्ष्य के बाद भी अनेक लोग ठाकुर के बंधे हाथ टाइप होकर रायपुर में बैठे एक पत्रकार को फोन लगाकर कहते हैं...'सर प्लीज मामला उठाइए, बच्चे के साथ बहुत गलत हुआ है।' जिस चैनल के पत्रकार को फोन करते हैं...वो है सुदर्शन न्यूज़
• आत्मदाह करने वाले मानसिक रुप से स्वस्थ युवक को जब सिस्टम प्लांड स्क्रिप्ट के साथ पागल बताने और बनाने की जुगत में रहता है, चौथे स्तंभ कहलाने वाले मशीनरी को जब अपनी मशीनरी बनाकर सच को दबाने का प्रयास होता है। तब रायपुर से उस संस्थान का बंदा खुद ड्राइव करते तेलीनसत्ती गांव पहुंचकर युवक के पीड़ित परिवार से सच जानता है। भनक लगते ही स्थानीय प्रशासन थर्रा जाता है, जिस चैनल को 'नहीं मानने' के बाद चुप्पी साध लेता है...वो है सुदर्शन न्यूज़
• गौवंश संरक्षण के दावों के बीच तस्करी की शिकार होती गौ माताओं को भूख से मरता देख सहन नहीं होता, जस का तस रिपोर्ट प्रसारित की जाती है, जो चैनल कड़वी सच्चाई हुबहू दिखाने की हिम्मत करता है, वो है सुदर्शन न्यूज़
• 376 के आरोपी को नाम देखकर नहीं, बल्कि दरिंदे को दरिंदा पूरे परिचय और पदनाम के साथ कहने की हिम्मत करता है, वो है सुदर्शन न्यूज
• SI भर्ती नहीं होने से बेरोजगार होते युवाओं का दर्द दिखाकर रायपुर के बीच घड़ी चौक में अभ्यर्थियों द्वारा धन्यवाद प्राप्त करता है, युवाओं की आशाओं की आवाज़ बनता है, वो है सुदर्शन न्यूज़
• बस्तर की परम्पराओं को दिखाने, जशपुर की कला संस्कृति को परोसने, धर्मांतरित होते अनेक भोलेभाले लोगों को बचाने, नियम से कार्यवाही करने पर पुलिस वालों को धमकाने, नोटिस देकर भगवान शंकर को बुलाने, विधर्मियों द्वारा गौ वंश को बर्बरता से मार दिए जाने के गम्भीर मामलों को जस का तस दिखाने की हिम्मत, ऊर्जा किसी में है, तो वो है सुदर्शन न्यूज़।
• ये छत्तीसगढ़ के अनुभव हैं। और भी हैं, लिखूंगा तो पूरी किताब बन जाए। देश में बड़े बड़े षड्यंत्र को रोकने से लेकर, बड़ी साजिशों का भंडाफोड़ करता है, केवल राष्ट्र को केंद्रबिंदु में रखकर...वो है सुदर्शन न्यूज
• व्रत के उत्पाद में उर्दू, फारसी में लिखे शब्द पर जन आपत्ति के बाद उत्पादक से सीधे सीधे सवाल करने की हिम्मत हममें है, संत का नाम सम्मान से लेकर रिपोर्टिंग करना, भगवान श्रीराम को रिपोर्टिंग के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम कहना, गाय को गौमाता, गौवंश कहना, मस्तक पर गर्व से तिलक लगाकर रिपोर्टिंग करना, एक ही चैनल में आपको दिखाई देगा, वो है सुदर्शन न्यूज
 
जनसंख्या नियंत्रण पर निकाली ऐतिहासिक यात्रा
हमने वर्तमान में देश की सबसे बड़ी समस्या यानी जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा निकाली, जिसका प्रभाव अब लगातार दिख रहा है। वैसे भी कहा जाता है कि किसी कार्य को करने के पीछे आपका पूर्ण समर्पण हो, अपनी मनोभावना पवित्र हो तो कार्य तो एक न एक दिन होता ही है, साथ ही आपकी सराहना भी होती है, लोग आपके साथ जुड़ते भी हैं. इसका ज्वलंत व जीवंत प्रमाण हैं राष्ट्र निर्माण संस्था के प्रमुख तथा सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी, जिनका जनसंख्या नियंत्रण कानून अभियान आज जन की आवाज बन चुका है. न सिर्फ आम जनता बल्कि बड़ी हस्तियां भी जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रही हैं.
 
देश लगातार कई समस्याओं से घिरता जा रहा है, जिसमें आवास, बेरोजगारी, महंगाई आदि प्रमुख हैं. लेकिन जब हम इन समस्याओं के मूल में जाएंगे तो पाएंगे कि इसका सबसे प्रमुख कारण है जनसंख्या विस्फोटन. देश में जिस गति से जनसंख्या बढ़ी है हमारे पास उसके मुकाबले संसाधन नहीं है. न तो इतने ज्यादा रोजगार हैं और नहीं अन्य संसाधन जिससे इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके. लेकिन इसके बीच एक और ज्वलंत समस्या हमारे देश में लगातार पनपती जा रही है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है तथा वो समस्या है देश में बढ़ता चरमपंथी संक्रमण तथा देश के विभिन्न कोनों में बनते मिनी पाकिस्तान.
 
इसे देखते हुए राष्ट्र निर्माण संस्था के प्रमुख तथा सुदर्शन टीवे के चेयरमैन सुरेश चव्हाणके जी ने संकल्प लिया कि वह देश को मजहबी संक्रमण का शिकार नहीं होने देंगे तथा हम दो हमारे दो तो सबके दो के नारे के साथ गांव गांव शहर शहर घूमकर भारत बचाओ यात्रा निकालेंगे. इसके बाद सुरेश चव्हाणके जी के नेतृत्व में 18 फरवरी 2018 को जम्मू कश्मीर से 20 हजार किलोमीटर की भारत बचाओ यात्रा की शुरुआत हुई थी कन्याकुमारी होते हुए 22 अप्रैल को देश की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में यात्रा का समापन हुआ था.
 
इसके बाद दो बच्चों के कानून की मांग सिर्फ सुरेश चव्हाणके जी या सुदर्शन की मांग नहीं रह गई है बल्कि जन जन की मांग बन चुकी है. आज अधर्म पर धर्म की विजय के पावन पर्व विजयादशमी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पूज्य मोहन जी भागवत ने सुरेश चव्हाणके जी के संघर्षों को अपनी आवाज दी है तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग का समर्थन किया है.
 
विजयदशमी के मौके पर नागपुर में दिए गए अपने भाषण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर देश में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति लाए जाने पर जोर दिया है .मोहन भागवत ने विजयदशमी के मौके पर शस्त्र पूजा के बाद अपने भाषण में देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि ये बहुत ही विकट हालात हैं, जो आने वाले समय में कई बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं. भागवत ने कहा कि देश में एक ऐसी नीति की सख्त जरूरत है, जो सभी पर लागू हो और जिससे जनसंख्या के असंतुलन को ठीक किया जा सके।
 
जाकिर नाईक का किया पर्दाफाश
एक समय जब peace tv चलाने वाले दुर्दांत आतंकी को लोग शांति दूत बताते थे, जब पोलिटिकल पार्टियाँ शांति सद्भाव की बात कर उस देश विरोधी आतंकी जाकिर नाइक के साथ मंच साझा किया करती थी, तब एकमात्र सुदर्शन न्यूज़ था जिसने उसके विरोध में कार्यक्रम किए और उसकी सच्चाई को लोगों के सामने लाया। यह वही जाकिर नाइक है जो हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलता था, हिन्दुओं को बदनाम करता था, हिन्दुओं के खिलाफ षड़यंत्र रचता था, धर्मान्तरण का गिरोह चलाता था वो भी खुल्लम खुल्ला लेकिन लोग इस बात से अभिज्ञ थे लेकिन सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने उसके हर एक हरकत और षड़यंत्र का पर्दाफाश किया। 
 
अब UAPA ट्रिब्यूनल ने भी सुदर्शन के उस दावे को सही बताया है जिसके वजह से जाकिर नाइक भगोड़ा बना और उसके Tv चैनल peace tv को बैन कर दिया। दरअसल गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) ट्रिब्यूनल ने अपने एक आदेश में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को गैरकानूनी घोषित करने के केंद्र के फैसले की पुष्टि की है। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि वह केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए तर्क से पूरी तरह सहमत है। उसने कहा कि रिकॉर्ड पर लाए गए सबूतों से यह भी साबित हुआ है कि जाकिर नाइक का संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है। 
 
UPSC जिहाद पर चली श्रृंखला
पिछले वर्ष पूरा देश उस समय चौंक गया था जब सुदर्शन न्यूज ने नौकरशाही जिहाद अर्थात UPSC जिहाद का पर्दाफाश किया था. सुदर्शन न्यूज ने UPSC जिहाद के पुख्ता आंकड़े तथा सबूत देश के सामने रखे थे. उस समय देश के कथित लिबरल, कथित सेक्यूलर राजनेता, मजहबी चरमपंथी, अर्बन नक्सली तथा खान मार्किट गैंग के लोग सुदर्शन न्यूज के खिलाफ तनकर खड़े हो गए थे. मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया था तथा ये गैंग हाईकोर्ट से सुदर्शन न्यूज की UPSC जिहाद की सीरीज पर रोक लगवाने में कामयाब भी गई थी.
 
न्यायपालिका ने भले ही उस समय सुदर्शन न्यूजी की UPSC जिहाद सीरीज पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके बाद से ऐसे मौके सामने आए जब सुदर्शन का UPSC जिहाद का दावा सही साबित हुआ. कुछ महीनों पहले झारखंड के लातेहार के डीसी इकराम अबू का एक ऑडियो सामने आया था जिसमें वह कांग्रेस विधायक बंधू तिर्की को इलाके में आदिवासी समाज के विरुद्ध हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने से रोक रहा था. इसके अलावा कानपुर के कलेक्टर IAS इफ्तिखारुद्दीन का मामला सामने आया जो धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था।
 
 
 
ऐसे अनेक मुद्दे हैं, जिनपर सुदर्शन ही केवल देशहित को केंद्रबिंदु में रखकर प्रोग्राम या मुहिम चलाता है। पर हां, ये बात बहुतों को चुभती है....चुभनी भी चाहिए। भले ही ख़ुद पर संकट आयेगी, तो 'इन्हे' सुदर्शन ही याद आयेगा। पर आदत से लाचार लोग वर्षों की पलटने की अनेक धूर्त लोगों को परंपरा का निर्वहन करते पलटने का काम बखूबी कर रहे हैं। 
करते रहिए...
 
भला किसी भी काल में, साल में, हाल में धूर्त, छद्म, कपटी, झूठे, चापलूस नस्ल के लोग न रहे हों, ऐसा भला कैसे संभव है? इनके बिना ये ब्रह्मांड सूना सूना है।
 
प्रिय आलोचकगण,
समय निकालकर यूंही जली, फटी में सुदर्शन के बारे में लिखते रहो। हमें चाहने वालों की इतनी बड़ी संख्या के बीच हम तुम्हें बिल्कुल वैसा ही एंजॉय कर रहे हैं, जैसे बारात में बेढंग नाचते किसी नाकाबिल डांसर को। 
तुम अपना कार्य यूंही पूरी लगन, मेहनत, Data लगा लगाकर करते रहो।
हम फिर भी तुम्हारे संकट में इकलौते खड़े रहेंगे, तुम नहीं लिख, बोल पाओगे, तो हम बोलेंगे भी, लिखेंगे भी।
 
वैसे भी हम सुदर्शन वाले हैं,
इतने में कहां रुकना जानते हैं।
 
चरैवेति, चरैवेति अपना धर्म है। 😇
 
जय हिंद।'
 
 
 
 
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