झारखंड के दुमका में हिन्दू बालिका अंकिता को आज न्याय मिल गया. दरअसल इसके हत्यारें शाहरुख और नईम को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही ₹25000 का जुर्माना भी लगा दिया है. बता दें इन दोनों आरोपियों ने मिलकर अगस्त 2022 में 17 वर्षीय हिन्दू बालिका अंकिता को सोते समय पेट्रोल डाल जला दिया था. बताया जा रहा है जुर्माना ना देने की दशा में इन दोनों को एक वर्ष की सजा अतिरिक्त काटनी होगी.
इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान 51 गवाहों ने घटना का विवरण दिया था. कोर्ट में दोनों आरोपितों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कि गई थी. मामले में दोनों को सेंट्रल जेल में बंद किया गया है. शाहरुख और नईम को धारा 302 और 120बी के तहत यह सजा सुनाई गई है.
इस मामले पर देश के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के मुखिया प्रियंक कानूनगो ने कहा, “इन अपराधियों के समर्थन में बांग्लादेश के कट्टर इस्लामिक संगठनों ने सोशल मीडिया कैंपेन चलाया था. आयोग द्वारा इस मामले की जाँच रिपोर्ट में इन अपराधियों के अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया होने का संदेह व्यक्त किया गया था.
दुर्भाग्य से राज्य सरकार ने इस मामले में कोई पुख़्ता जाँच नहीं की और ना ही न्यायालय को इस तथ्य से अवगत करवाया.” उन्होंने कहा कि सरकार को राजधर्म निभाते हुए इनके खिलाफ हाईकोर्ट में मृत्युदंड के लिए अपील करे.
इस मामले में 19 मार्च, 2024 को नईम और शाहरुख को दोषी ठहराया गया था. इस मामले की एसपी की अध्यक्षता में गठित 12 सदस्यीय SIT ने जाँच की थी. इसके बाद केस में 112 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई थी और बाद में चार्ज फ्रेम करके गवाहों के बयान लिए गए थे. करीबन डेढ़ साल की लंबी बहस के बाद 19 मार्च 2024 को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई और आखिरकार शाहरुख-नईम दोषी ठहराए गए.