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Ghatkopar Hoarding Case: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने से कम से कम 14 लोगों की मौत, सीएम शिंदे ने किया मुआवजे का ऐलान... चश्मदीद ने बताया भयानक मंजर

घाटकोपर हादसे के प्रत्यक्षदर्शी स्वप्निल ने बताया, "मैं वहीं पर था. वहां पर तूफान की वजह से हम लोग रेस्ट कर रहे थे. मेरा दोस्त वहां पर रुकने के लिए गए.

Geeta
  • May 15 2024 12:18AM
मुंबई के घाटकोपर में बिलबोर्ड हादसे में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि अब तक होर्डिंग के नीचे से 89 लोगों को निकाला जा चुका है, जिनमें से 14 को मृत घोषित कर दिया गया जबकि 75 अन्य घायल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि 59 लोग घायल हुए हैं. रेस्क्यू जारी है.

 

घाटकोपर हादसे पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंद ने कहा कि मृतकों के परिवार को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. घाटकोपर हादसे पर एनडीआरएफ ने कहा कि अब तक 67 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. घायलों को राजावाड़ी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जा रहा है. एनडीआरएफ ने कहा कि उनकी टीम अभी भी घटनास्थल पर मौजूद है और रेस्क्यू का काम जारी है.

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. रेस्क्यू टीम मौके पर काम कर रही है. लगभग 57 फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया है जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायलों के इलाज का खर्चा सरकार द्वारा किया जाएगा और मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता निधि से 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.

 

डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, "इसकी जांच होगी कि इस होर्डिंग को लगाने के लिए किस तरह के परमिशन थे. क्या उनके पास इजाजत थी या नहीं. ऐसे हादसों को भविष्य में रोकने के लिए सीएम ने बीएमसी को इस तरह के सभी होर्डिंग्स के ऑडिट के आदेश दिए हैं. जिन्होंने भी ये लापरवाही बरती है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

 

घाटकोपर हादसे के प्रत्यक्षदर्शी स्वप्निल ने बताया, "मैं वहीं पर था. वहां पर तूफान की वजह से हम लोग रेस्ट कर रहे थे. मेरा दोस्त वहां पर रुकने के लिए गए. ऊपर जो एडवर्टिजमेंट का बोर्ड था वो नीचे आ गया. नीचे जितनी पब्लिक थी सब फंस गए. उसमें बच्चे और महिलाएं थीं. हमने वहां से लोगों को बाहर निकाला है.

 

घाटकोपर में होर्डिंग गिरने की घटना के मामले में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने बड़ी लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि होर्डिंग लगाने की अनुमति एक पुलिस अधिकारी ने कैसे दी, जबकि बीएमसी इसके लिए अधिकृत है. पूर्व सांसद ने दावा किया कि होर्डिंग और एक पेट्रोल पंप (जहां बिलबोर्ड गिरा था) की अनुमति तब दी गई थी जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. अगर तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सख्त होते तो ऐसी होर्डिंग सामने नहीं आती.

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