प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को कर्नाटक के बागलकोट में सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 2024 का चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा. इन चुनावों का लक्ष्य एक विकसित भारत, एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना और देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदलना है. यह आपका वोट ही है जो यह सब साकार करने में मदद कर सकता है.
आज सुबह ही हमें एक दुखद खबर मिली है. संसद में मेरे साथी, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सामाजिक न्याय के अग्रणी सिपाही श्रीनिवास प्रसाद जी अब हमारे बीच नहीं रहे. श्रीनिवास प्रसाद जी चामराजनगर, कर्नाटक से सांसद थे. वे जमीन से जुड़े नेता थे, सच्चे अर्थ में जन नेता थे. अपने इतने दशकों के सामाजिक जीवन में उन्होंने हर क्षण गरीबो, शोषितों, वंचितों की सेवा की.
ईश्वर उन्हें सद्गति दे, उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. 2024 का चुनाव, भारत का भविष्य तय करने जा रहा है. ये चुनाव, विकसित भारत के संकल्प का चुनाव है. ये चुनाव, आत्मनिर्भर भारत की सिद्धि का चुनाव है.
कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक को भी अपनी लूट का ATM बना लिया : पीएम मोदी
कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक को भी अपनी लूट का ATM बना लिया है. इतने कम समय में ही इन लोगों ने कर्नाटक का सरकारी खजाना खाली कर दिया है. अवकाश का आनंद लेने वाले भारत का विकास नहीं कर सकते. देश के लिए काम करने के लिए एक विजन की जरूरत होती है. साक्षात्कार के लिए भक्ति की आवश्यकता है. जब कुछ भी मौजूद नहीं होता तो परिणाम शून्य होता है. लेकिन मोदी के मामले में, दृष्टि और आदर्श वाक्य, दोनों स्पष्ट हैं. मोदी 2047 के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं.
कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक को अपना 'एटीएम' बना लिया है. इतने कम समय में इन लोगों ने कर्नाटक का सरकारी खजाना खाली कर दिया है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि वहां के विधायकों को विकास कार्यों के लिए फंड नहीं मिल रहा है. पिछले 10 वर्षों में मोदी ने हर उस वर्ग की चिंता की है, जिसे कांग्रेस ने बदहाली का जीवन जीने पर मजबूर किया था.
आज ये लोग एक झटके में गरीबी हटाने का दावा करते हैं, लेकिन इनकी 60 साल की सरकार, इनकी कई पीढ़ियों का काम गवाह है कि वंचित वर्ग के लिए इनकी मानसिकता क्या रही है? करोड़ों परिवार इस देश में जीवन की मूलभूत जरुरतों से वंचित थे. उनके दुख, उनकी तकलीफ से कांग्रेस और उनके साथियों को कोई वास्ता नहीं था.