मध्य प्रदेश के दमोह में पीएम मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि, जीवन भर हिंदुओं से लड़ाई लड़ने वाले इकबाल अंसारी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए लेकिन कांग्रेस ने न्योता ठुकरा दिया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है आपने एक नाम तो सुना होगा. अयोध्या में एक अंसारी परिवार है, दो-दो पीढ़ी से ये अंसारी परिवार हिंदुओं के खिलाफ अदालत में जंग लड़ रहे थे. वे बाबरी मस्जिद के पक्ष में जंग लड़ रहे थे. इकबाल अंसारी, उनके पिता और पूरा परिवार कितने दशकों से लड़ाई लड़ रहा था. लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय किया.
उन्होंने कहा कि ये हिंदुओं के पक्ष में जाएगा तो इतने साल लड़ाई लड़ने के बावजूद भी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया. वे जीवनभर लड़ाई लड़ते रहे. इतना ही नहीं, जिस समय राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम था, जो राम मंदिर के ट्रस्टी हैं, उन्होंने हर एक के गुनाह और गलतियां माफ करके सबको प्यार से निमंत्रण पत्र दिया.
पीएम मोदी ने आगे बताया कि आपको जानकर खुशी होगी. इकबाल अंसारी खुद शिलान्यास के कार्यक्रम में मौजूद रहे. जीवनभर लड़ाई लड़े थे. इतना ही नहीं जब अभी प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था तो ट्रस्टी ने उन्हें भी निमंत्रण दिया. जैसे कांग्रेस, सपा और इंडिया गठबंधन वाले सभी नेताओं को दिया था. इसी तरह अंसारी को भी दिया था.
उन्होंने कहा कि जिंदगी भर वह हिंदुओं के खिलाफ कोर्ट में लड़ते रहे, बाबरी मस्जिद के लिए लड़ते रहे, राम मंदिर के विरूद्ध लड़ते रहे लेकिन जब प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला तो वह हंसी-खुशी के साथ आकर सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि एक तरफ छोटा सा व्यक्ति (इकबाल अंसारी) जो सामान्य परिवार का है, उसका व्यवहार देखिए. दूसरी तरफ कांग्रेस नेताओं का व्यवहार देखिए कि कैसे उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का न्योता ठुकरा दिया.