चाबहार बंदरगाह भारत और मध्य एशिया को बेहतर ढंग से जोड़ने में करेगा मदद : एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और ईरान (Iran) द्वारा शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल के संचालन के लिए दीर्घकालिक अनुबंध (Long term contract) पर हस्ताक्षर (Signature) किए जाने के बाद चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) में निश्चित रूप से अधिक निवेश और जुड़ाव देखने को मिलेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और ईरान (Iran) द्वारा शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल के संचालन के लिए दीर्घकालिक अनुबंध (Long term contract) पर हस्ताक्षर (Signature) किए जाने के बाद चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) में निश्चित रूप से अधिक निवेश और जुड़ाव देखने को मिलेगा। जयशंकर ने यह भी कहा कि बंदरगाह भारत और मध्य एशिया (Central Asia) को बेहतर ढंग से जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अभी बंदरगाह विकसित नहीं हुआ है। यदि दीर्घकालिक समझौता नहीं हो तो बंदरगाह में निवेश (Investment) करना मुश्किल है। इसलिए, पूरी उम्मीद है कि चाबहार का वह हिस्सा जिसमें हम शामिल हैं, निश्चित रूप से अधिक निवेश देखेगा।
कनेक्टिविटी उस हिस्से में एक बड़ा मुद्दा है
इससे उस बंदरगाह से जुड़ाव और बढ़ेगा। जयशंकर ने कहा कि हम मानते हैं कि आज कनेक्टिविटी उस हिस्से में एक बड़ा मुद्दा है। चाबहार हमें मध्य एशिया से जोड़ेगा। ईरान में भारतीय दूतावास द्वारा एक्स पर किए गए सिलसिलेवार पोस्ट के अनुसार, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के बंदरगाह एवं समुद्री संगठन द्वारा तेहरान में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहला मौका है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा।
ख़बर अपडेट की जा रही है....
सहयोग करें
हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प