चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और LG के बीच के बीच घमासान जारी है. वहीं इस बीच सौरभ ने दिल्ली के एलजी पर निशाना साधा. सौरभ भारद्वाज ने कहा “चुनी हुई सरकार को नहीं पता कि चुनाव होगा या नहीं. जिनको पता है वो केरल में हैं. ये तो मजाक है”.
उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने में चुनाव कराना होता है नहीं तो प्रक्रिया दोबारा कराई जाएगी. ये संवैधानिक संकट आ जाएगा. जो मेयर का इलेक्शन होना है ये तय प्रक्रिया है. जो आउट गोइंग मेयर होती हैं वो पीठासीन अधिकारी होंगी ये परंपरा है. लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उपराज्यपाल इस पुरानी परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान ने देखा कि कुछ दिनों पहले चंडीगढ़ में मेयर का छोटा सा चुनाव हुआ. उसमें भाजपा ने बेईमानी करके अपना मेयर चुनने की कोशिश की. उस चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसी सबसे बड़े विलेन थे.
जो फाइल मेरे पास आनी चाहिए थी फिर वहां से सीएम और उपराज्यपाल को जानी थी लेकिन मेरे पास बिना भेजे उपराज्यपाल को भेजा गया. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चाहती है या तो दिल्ली में मेयर चुनाव ना हो या फिर बेईमानी से हो.
वहीं दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने कहा है कि मेयर चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने NOC दे दी है. लेकिन LG बदनीयती से पीठासीन अधिकारी बदलना चाहते हैं. अगर कल पीठासीन अधिकारी बदला गया तो सदन में हंगामा होगा.