सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

चाबहार बंदरगाह की व्यापक प्रासंगिकता है : एस. जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। इसे लेकर संकीर्ण सोच नहीं रखनी चाहिए। दरअसल, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंधों का खतरा है।

Ankur Pratap
  • May 16 2024 3:56PM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। इसे लेकर संकीर्ण सोच नहीं रखनी चाहिए। दरअसल, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंधों का खतरा है। जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह की व्यापक प्रासंगिकता है। सनद रहे कि भारत ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह को संचालित करने के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। जिससे नई दिल्ली को मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

एस. जयशंकर ने क्या कहा? 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह से हमारा लंबा नाता रहा है। किंतु, हम कभी दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर सके। इसकी वजह है कि कई समस्याएं थीं। अंतत: हम इन्हें सुलझाने में सफल रहे हैं और दीर्घकालिक समझौता कर पाए हैं। दीर्घकालिक समझौता जरूरी है क्योंकि इसके बिना हम बंदरगाह पर परिचालन नहीं सुधार सकते। हमारा मानना है कि बंदरगाह परिचालन से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ बयान देखे हैं। किंतु, मेरा मानना है कि यह लोगों को बताने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में सभी के फायदे के लिए है। मुझे नहीं लगता कि इस पर लोगों को संकीर्ण विचार रखनी चाहिए। उन्होंने अतीत में ऐसा नहीं किया है।

अमेरिका भी चाबहार का प्रशंसक रहा है

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर आप अतीत में चाहबहार को लेकर अमेरिका के खुद के रवैये को देखें तो वह इस तथ्य का प्रशंसक रहा है कि चाबहार की व्यापक प्रासंगिकता है। हम इस पर काम करेंगे। भारत ने 2003 में ऊर्जा संपन्न ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का प्रस्ताव रखा था। इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा का इस्तेमाल कर भारत से सामान अफगानिस्तान और मध्य एशिया भेजा जा सकेगा। सनद रहे कि अमेरिका ने संदिग्ध परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे, जिसके चलते बंदरगाह के विकास का काम धीमा पड़ गया था।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार