यूट्यूबर ध्रुव राठी ने हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. दरअसल, इस वीडियो में ध्रुव राठी ने महान हिंदू राजाओं के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज जी का अपमान किया है.अब इस वीडियो को लेकर सुदर्शन न्यूज के युवा पत्रकार प्रदोष सुरेश चव्हाणके जी ने खुली बहस की चुनौती दी है. चव्हाणके जी ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ ध्रुव राठी ने खिलवाड़ करने का दुस्साहस किया, अब हिम्मत है तो 20 मई को रात 8 बजे इसी मुद्दे पर खुली बहस करने के लिए देश के सबसे बड़ा टीवी स्टूडियो सुदर्शन न्यूज आ सकते है.
जानकारी के लिए बता दें कि यूट्यूबर ध्रुव राठी ने ये पहले बार नही है जब वह हिंदू राजाओं के साथ हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया है. इससे पहले कई बार वह भारत के संस्कृति के साथ भारत के वीर के बार में कुछ ना कुछ बोलते रहते है. बता दें कि ध्रुव राठी ने इस बार अपने वीडियो में बोला है कि भारत छोड़ो बात कहना असल में दोस्तों ऐसी चीज बोलना इस ब्रेनवाशिंग माफिया की एजेंडा के खिलाफ जाता है मैंने आपको पिछले वीडियो में बताया था कि उनके दूसरे डिपार्टमेंट का मकसद है आपको यह एहसास दिलाना कि आपका जो पूर्वज थे. वह हजारों सालों से गुलाम रहे थे.
मुसलमान के नीचे या आपको विक्टिम बनाना चाहते हैं यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि हम हिंदू लोग तो हजार सालों से अत्याचार सहते आ रहे हैं और हजार सालों से हम मुसलमान के नीचे दब कर रहे हैं मुसलमान की गुलाम बन कर रहे हैं इस झूठ को पकड़ना ज्यादा मुश्किल नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे सीधा पूछता हूं बताओ क्या छत्रपति शिवाजी महाराज किसी के गुलाम थे क्या वह किसी मुसलमान के नीचे दब कर रहे थे. हम सब जानते हैं कि वह कितने महान राजा थे.
एक तरफ हजार सालों से हम हिंदुओं पर अत्याचार हुआ है मुसलमान के नीचे दबकर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ छत्रपति शिवाजी यह बहुत ही महान राजा थे और हम हिंदू आजाद थे उनके समय व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए दोनों चीज यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए दोनों चीज एक ही टाइम पर सच हो सकती है जॉर्ज ऑरवेल की नवल 1984 में डबल थिंक नाम के कॉन्सेप्ट की बात करी गई उसे नवल में जो ब्लाइंड सपोर्टर होते हैं वह दो कांट्रडिक्टिंग इतिहास को साथ साथ एक्सेप्ट कर लेते हैं अपने दिमाग व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के छात्र भी इसी कैटेगरी में आते हैं अब जिन लोगों को ब्रेनवाश हो चुका है उन लोगों के दिमाग में जो शिवजी की पिक्चर है.
वह भी कुछ ऐसे हो कि एक तरफ छत्रपति शिवाजी महाराज खड़े हैं और उनके पीछे हैं हिंदुओं की पूरी आर्मी भगवे रंग से सजी हुई दूसरी तरफ औरंगजेब खड़ा है और उसके पीछे है मुसलमान की पूरी आर्मी हर कोई ग्रीन रंग से सजा हुआ है अगर आप भी ऐसा ही सोचते हो तो तैयार हो जाओ आपकी आंखें खुलने वाली है लिए कुछ हिस्टॉरिकल फैक्ट्स जानते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता का नाम था शाहजी और उनके अंकल का नाम था शरीफ की और जानते हैं शरीफ की नाम कहां से आया यह नाम रखा गया एक सूफी सैंट के नाम पर इससे पता चलता है कि नासिक छत्रपति शिवाजी महाराजज खुद बल्कि उनके दादाजी भी हिंदू सेंट्स और मुस्लिम सूफी सेंट्स दोनों की रिस्पेक्ट किया करते थे.
असल में बात किया है ना उसे जमाने में कोई बीजेपी कोई गोदी मीडिया कोई व्हाट्सएप माफिया नहीं था. हिंदू मुसलमान के बीच नफरत फैलाने वाला इसलिए एवं छत्रपति शिवाजी महाराज खुद एक हिंदू थे वह मुसलमान का बड़ा आदर करते थे क्लेशी गांव के या कुछ बाबा छत्रपति शिवाजी महाराजअक्सर उनके पास जाया करते थे उनकी ब्लेसिंग लेने के लिए खुद से वह हमेशा रिलिजियस फ्रीडम के फेवर में रहे थे सेकंड नवंबर साल 1669 में लिखी गई है एक चिट्ठी है पंडित रघुनाथ राव शिवाजी के द्वारा दिए गए एक आदेश को कोर्ट कर रहे हैं.
श्रीमंत महाराज कहते हैं कि हर किसी को अधिकार हो अपना धर्म फॉलो करने का और कोई भी किसी और को डिस्टर्ब नहीं कर सकता नोट किया जाता है कि प्लेस आफ वरशिप हर जगह हो प्रॉपर अरेंजमेंट किया जाए ताकि लोग अपनी प्रार्थना पूजा या नमाज पढ़ पाए यह पीस और मस्जिदों की भी अरेंजमेंट को देखते हैं हिस्टोरियन काफी खान नोट करते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय एक बाद स्ट्रिक्ट रूल हुआ करता था कि जहां भी उनके सोल्जर जाए वह किसी भी मस्जिद को कुरान को या औरतों को चोट नहीं पहुंचा सकते एक समय उनकी आर्मी ने एक मुस्लिम गवर्नर की डॉटर इन लॉ को कैप्चर कर लिया था और छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने एक टॉफी के तौर पर उसे लड़की को प्रेजेंट किया गया जानते हैं.
छत्रपति शिवाजी महाराज ने क्या किया उन्होंने इस औरत के सामने जाकर माफी मांगी और बड़े ही रिस्पेक्टफुल तरीके से उसे वापस भेज दिया बीजेपी के जो लोग हैं. वह छत्रपति शिवाजी महराज की महानता को और बड़े ही रिस्पेक्टफुल तरीके से उसे वापस भेज दिया बीजेपी के जो लोग हैं वह छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को समझ ही नहीं सकते है. बता दें कि अब देखते है कि यूट्यूबर ध्रुव राठी सुदर्शन न्यूज के युवा पत्रकार प्रदोष सुरेश चव्हाणके जी ने खुली चुनौती को स्वीकार करते है.